Monday, 14 January 2008

दिल्ली

दिल्ली

दिल्ली है देश की राजधानी
दिल्ली है देश का दिल…..
ऐसा भी कहते हैं

क्योंकि बसी है यह
दिल्ली ऐसी
जैसा की शरीर में होता है

पर शायद
इसके अलावा भी कुछ है दिल्ली

मेरी नज़र में तो कुछ भी नही है दिल्ली

इस कुछ नही का मतलब है….
यह शहर नही कुछ और है

दरअसल, मेरी नज़र में दिल्ली है एक कालोनी
जी हाँ,
कई बड़ी कॉलोनियों से बना
एक मेगा कालोनी

क्योंकि ज़ब
दिल्ली की सड़कों से गुजरता हूँ

तब देखता हूँ बस
सड़क के चारों तरफ
छोटी-बड़ी, लम्बे-छोटे
केवल और केवल दीवारें

दीवारों
के ऊपर
लोहे की मज़बूत फेंसिंग
एक खत्म हुआ तो
दूसरी बाउंड्री शुरू हो जाती है

चारों तरफ से……….
बंद महसूस करता हूँ
इस मेगा कालोनी में

जब भी कभी …
उन्मुक्त छलांग लगाना चाहता हूँ
तो………
खुद को zakdaa महसूस करता हूँ
इस दिल्ली में.

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