कैसे कहते हैं..
कि
दिलवालों कि है दिल्ली
मुझे तो ऐसा लगता है
कि
अब दिल वालों (wall for Deewar) में ही कैद हो गए हैं
दिल्ली वालों कि
ठीक उसी तरह
जैसे
अनारकली कैद हो गयी थी ..
तब के बेरहम दीवारों में
जो अब वाल (दीवार) के नाम से भी जाने जाते हैं
कैसे कहते हैं
कि
दिलवालों कि है दिल्ली
यहाँ तो कोई सीधी मुह बात भी नही करता..
दिल से बात करने कि बात तो
दिल्ली दूर
दिलवालों को तो लुट लिया है
दिल्ली वालों ने
अब तो रईसों कि है दिल्ली
नेताओं कि है दिल्ली
ठेकेदारों कि है दिल्ली
नही तो पुलिस और अतान्क्बदियों कि है दिल्ली
खूबसूरत हसीनाओ कि है दिल्ली
पैसे वालों कि है दिल्ली
पैसे वालों कि है दिल्ली.
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