Monday 14 January 2008

"बापू के सपने"

बापू के सपने

हमने पाई आज़ादी
साठ (६०) बरस पहले,
तब बापू ने संजोये थे
कई सपने.

बरसों हमने कि मेहनत
और साकार किये सपने.

पर ज़ब दिल से पूछता हूँ…
कभी अकेले में,

तो आती है एक धीमी आवाज़,
हमारे नेताओं ने
और हमने
छोड दिए सोचना
न केवल
बापू के सपने
बल्कि सोचना
अपने सपने के भारत को भी


पूछता हूँ दिल से
क्या सच हो पाएंगे
कभी बापू के सपने
यदि हाँ भी
तो कब तक
कब तक ?


WRITTEN ON INDEPENDENCE DAY, 2007

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